देश में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट पैदा होने की संभावना जताई जा रही है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा बैठक में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के अधिकारी भी शामिल हुए। आपको बता दें कि देश के कई राज्यों में कोयले की कमी के कारण बिजली की आपूर्ति बाधित होने की संभावनाएं जताई जा रही है। इसको लेकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। इतना ही नहीं बीते दिनों केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच तकरार भी देखने को मिली थी।वहीं दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि एनटीपीसी ने शहर को दी जाने वाली 4,000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति को आधा कर दिया है, जिसके बाद दिल्ली सरकार महंगी गैस आधारित बिजली के साथ-साथ उच्च बाजार दर पर इसे खरीदने पर निर्भर है।सत्येन्द्र जैन ने दावा किया कि एनटीपीसी के अधिकतर संयंत्र 55 फीसदी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं क्योंकि उनके पास केवल एक-दो दिन का कोयला भंडार शेष है। उन्होंने बताया कि दिल्ली अधिकतर बिजली एनटीपीसी से खरीदती है, लेकिन इसकी आपूर्ति आधी कर दी गई है। इससे पहले आरके सिंह ने कहा था कि हमारे पास आज के दिन में कोयले का चार दिन से ज़्यादा का औसतन स्टॉक है, हमारे पास प्रतिदिन स्टॉक आता है। कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टॉक आया है। इसी बीच आरके सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रम फैलाने का भी आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है और बिजली का कोई संकट नहीं है।
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